डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जीवनी | Vikas Divyakirti Biography in Hindi

डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जीवन परिचय | Vikas Divyakirti Biography in Hindi

Drishti IAS के संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ विकास दिव्यकीर्ति संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा के उम्मीदवारों के बीच बेहद ही लोकप्रिय है। उन्होंने पिछले दो दशकों से हिंदी साहित्य, दर्शन, इतिहास और अन्य कई परीक्षा विषयों में विशेषज्ञता के साथ परीक्षार्थियों को पढ़ाया है।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति की सादगी और विभिन्न विषयों के ज्ञान के कारण छात्र उन्हें “अब्दुल कलाम” भी कहते हैं। डॉ विकास दिव्यकीर्ति ज्ञान के साथ-साथ अपने मनोरंजक शैली से पढ़ाने के लिए भी जाने जाते हैं। डॉ विकास दिव्यकीर्ति केवल एक शिक्षक है बल्कि वह एक प्रभावशाली लेखक भी है जिन्होंने कई रचनाएं लिखी है और प्रकाशित की है।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति अध्यन के दौरान अपने विश्वविद्यालय में भी बेहद ही लोकप्रिय थे, जहां वे अपने कॉलेज में होने वाली हर बहस में भाग लेते थे। कुछ साल पहले हुआ तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने सिविल सर्विस एप्टिट्यूड टेस्ट (CSAT) के विचार का विरोध किया था। डॉ विकास दिव्यकीर्ति कई टीवी डिबेट मे भी नजर आ चुके हैं।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति के बारे में संक्षिप्त जानकारी – Vikas Divyakirti Biography in Hindi 

Vikas Divyakirti Biography in Hindi
वास्तविक नाम [Real Name]विकास दिव्यकीर्ति
जन्म [Birthdate]6 दिसंबर 1973 
उम्र [Age]49 साल 
पेशा [Profession]आईएएस ऑफिसर, प्रोफ़ेसर, उधमी
जन्म स्थान [Birth Place]भिवानी ‘हरियाणा’ भारत
धर्म [Religion]हिन्दू 
मातापिता Parents]
पत्नी डॉ तरुणा वर्मा 
बच्चे [Wife]बेटा – सात्विक दिव्यकीर्ति 
स्कुल [Child]सरस्वती शिशु मंदिर ‘भिवानी’ हरियाणा
कॉलेज [college]जाकिर हुसैन कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी
शिक्षा [Qualification]MA (समाजशास्त्र), एम. फिल, एलएलबी, पीएचडी डिग्री
Vikas Divyakirti Biography in Hindi

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति का शिक्षा

 अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, डॉ विकास दिव्यकीर्ति जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहां उन्होंने बैचलर ऑफ कॉमर्स की पढ़ाई की ; हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी विषय कॉमर्स से आर्ट्स में बदल ली क्योंकि उनके अधिकांश दोस्तों ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति के दोस्तों ने उन्हें भी यूपीएससी की तैयारी करने की सलाह दी, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास में BA किया। डॉ विकास दिव्यकीर्ति के अनुसार जब वह स्नातक के तीसरे वर्ष में थे, तब उनका परिवार हरियाणा के भिवानी से फरीदाबाद में स्थानांतरित हो गया।

 इसके बाद डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने दिल्ली स्थित जाकिर हुसैन कॉलेज में शाम की कक्षाओं के माध्यम से हिंदी साहित्य में MA किया क्योंकि वह इस पाठ्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में दाखिला नहीं ले सकते थे।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने यूजीसी नेट जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण की और प्रति माह ₹2500 की छात्रवृत्ति भी प्राप्त की। डॉ विकास दिव्यकीर्ति के पास MA (समाजशास्त्र), एम. फिल, एलएलबी और पीएचडी की डिग्री है। इसके अलावा डॉ विकास दिव्यकीर्ति को भाषा विभाग में भी बेहद रूचि था, इसलिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में स्नातकोत्तर की भी डिग्री प्राप्त की।

माता पिता और भाई बहन

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति के माता-पिता के बारे में अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। उनके पिता रोहतक हरियाणा स्थित ” महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी ” मे हिंदी साहित्य के प्रोफ़ेसर थे और माता भिवानी स्थित एक स्कूल की शिक्षिका थी।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति का बड़ा भाई एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है जो हाल संयुक्त राज्य अमेरिका मे रहते हैं और दूसरा भाई सिविल सर्वेंट है जो कि CBI मे DIG के पद पर कार्यरत है।

 पत्नी और बच्चे

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति की पत्नी के नाम डॉ तरुणा वर्मा है। उन्होंने 1997 में शादी की थी। उनका एक बेटा है जिनका नाम सात्विक दिव्यकीर्ति है।

धर्म

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति एक हिंदू परिवार से ताल्लुक रखते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने कई सालों तक आरएसएस से भी जुड़े हुए थे। 

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति का प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसंबर 1973 को हरियाणा के भिवानी में हुआ था। कुछ वर्षों तक उनका पालन पोषण हरियाणा में ही हुआ और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरियाणा के भिवानी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर से ली।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति एक शिक्षित पारिवारिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं, जहां उनके पिता एक प्रोफ़ेसर थे जबकि उनकी मां हरियाणा में एक स्कूल शिक्षिका थी। उन्होंने 26 मई 1997 को डॉ तरुणा वर्मा से शादी की और उनके एक बेटा भी है जिनका नाम सात्विक दिव्यकीर्ति है।

 एक टीवी में इंटरव्यू के दौरान डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने यह बात कही थी कि कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण, वह और उनका परिवार दक्षिण हरियाणा, फरीदाबाद चले गए। डॉ विकास दिव्यकीर्ति और उनका भाई चित्रकार के रूप में काम करने लगे।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने इंटरव्यू के दौरान यह भी खुलासा किया कि उन्होंने कॉलेज में अध्ययन के दौरान वाद-विवाद प्रतियोगिता से बहुत सारे नगद पुरस्कार अर्जित किए। 

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति करियर

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने 1996 में यूपीएससी की परीक्षा पास की जिसके बाद उन्हें गृह मंत्रालय सौंपा गया। उन्होंने कुछ समय तक मंत्रालय विभाग में काम किया और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने में मदद करने के लिए एक अनोखी शिक्षण शैली लागू की, जो उन्हें अपनी पढ़ाई के साथ-साथ एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। उन्होंने हिंदी माध्यम से पढ़ाना शुरू किया जिससे छात्रों को पाठ्यक्रम समझने में आसानी हुई।

 फिर 2017 में उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल “Drishti IAS” शुरू किया जिसके माध्यम से उन्होंने पूरे भारत में छात्रों का मार्गदर्शन करना शुरू किया। वे छात्रों के लिए विभिन्न उपयोगी सामग्री पोस्ट करते हैं, जैसे अध्ययन सामग्री, विभिन्न सूचना बिंदु, व्याख्यान और परीक्षा रणनीतियां जो छात्रों को उनकी मदद करती है। उनके इस यूट्यूब चैनल पर July 20 तक 10.5 मिलियन से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। 

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति Drishti IAS Coaching Classes के निदेशक हैं। विकास सर दृष्टि करंट अफेयर्स ( Drishti current affairs) के संपादक भी है जो वार्षिक करंट अफेयर्स पत्रिका प्रकाशित करती है। डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने छात्रों को समर्पित “निबंध दृष्टि” नामक पुस्तक भी लिखी है। देश के प्रति अपने दृष्टिकोण के साथ वह हमेशा छात्रों के लिए एक प्रेरक रहे हैं।

  डॉ विकास दिव्यकीर्ति की शौक और पसंद – Dr Vikas Divyakirti Hobbies and Likings

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति को अपने खाली समय में किताबें पढ़ना और उपन्यास पढ़ना बेहद पसंद है। उन्हें फिल्में बनाने और देखने का भी शौक है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने एक फिल्म निर्माता बनने की इच्छा भी जाहिर किया। इसके लिए उन्होंने एक कोर्स भी किया है। क्या आप जानते हैं? डॉ विकास दिव्यकीर्ति का पसंदीदा फिल्म लॉन्च बॉक्स है।

 कॉलेज राजनीतिक जीवन 

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति अपने स्कूल के दिनों से ही राजनीति में गहरी रूचि रखते थे। उन्होंने अपने स्कूल में हुए लगभग हर संसदीय चुनाव में जीत हासिल की। हरियाणा के भिवानी में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई की।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति के अनुसार वह राजनीति में अपना करियर बनाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय गए क्योंकि उनके पिता चाहते थे कि वह एक राजनेता बने और वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य बन गए।

 जाकिर हुसैन कॉलेज में अध्ययन के दौरान पहले वर्ष में ही वह बहुत लोकप्रिय हो गए और उन्होंने 1979 में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी सरकार द्वारा स्थापित मंडल आयोग के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति के अनुसार वह चुनाव लड़ना चाहते थे और छात्र संघ के अध्यक्ष बनना चाहते थे ; हालांकि, उन्हें चुनाव ना लड़ने का सुझाव दिया गया क्योंकि इससे उनकी जान को खतरा हो सकता था इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ने का विचार छोड़ दिया। 

UPSC

 मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में बैठने का फैसला किया। डॉ विकास दिव्यकीर्ति 1996 में यूपीएससी परीक्षा में में शामिल हुए।

 उन्होंने यूपीएससी में 384 वीं रैंक हासिल की, जिसके बाद उन्हें सीआईएसएफ के सहायक कमांडेंट का पद सौंपा गया था। हालांकि, उन्हें इस पद के लिए चिकित्सकीय रूप से अयोग्य पाया गया क्योंकि उनके पैर सपाट थे।

 बाद में डॉ विकास दिव्यकीर्ति को गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय सचिवालय में शामिल किया गया। उनके अनुरोध पर उन्हें राजभाषा विभाग आवंटित किया गया था, जहां उन्हें डेस्क/अनुभाग अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि, छह महीने की सेवा के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

 यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए डॉ विकास दिव्यकीर्ति का सुझाव

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति एक शिक्षक होने के नाते आईएएस की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बेहद सुझाव है। डॉ विकास दिव्यकीर्ति के अनुसार Prelims केवल एक Qualifying परीक्षा है। इसलिए छात्र को मुख्य परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर का कहना है कि छात्रों को प्रारंभिक परीक्षा के तैयारी से ज्यादा मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए अधिक मेहनत करनी चाहिए।

 विकास दिव्यकीर्ति सर आगे कहते हैं, प्रारंभिक परीक्षा केवल एक योग्यता परीक्षा है, जिसे अधिकांश छात्र आसानी से पास कर जाते हैं। इसलिए उनका सुझाव है कि छात्रों को एक उचित लक्ष्य इस को निर्धारित करने की आवश्यकता है।

 विकास दिव्यकीर्ति सर कहते हैं कि छात्रों को एक उचित schedule बनाने और विभिन्न विषयों के लिए समान समय देनी चाहिए। विकास दिव्यकीर्ति सर छात्रों को सुझाव देते हैं कि उन्हें अन्य सफल आईएएस अधिकारियों की सफलता की कहानियां पढ़नी चाहिए। यह छात्रों को प्रेरित होकर परीक्षा की तैयारी करने में मददगार होता है।

 इसके अलावा डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर यह भी कहते हैं कि, UPSC परीक्षा में एक अच्छा उत्तर लिखना सबसे ज्यादा मायने रखता है, बेहतर समझ के लिए पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र को अध्ययन करना चाहिए। प्रश्नों के उत्तर में आपका योगदान स्पष्ट या यूं कहें कि प्रत्यक्ष होना चाहिए, और आपको अपने उत्तर के सभी महत्वपूर्ण अंशों को शामिल करना चाहिए।  आपके उत्तर सटीक और प्रमाणिक होने चाहिए ताकि आप अपने साक्षात्कारकर्ताओं को प्रभावित कर सके।

डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए लड़ाई लड़ी

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति के अनुसार, civil service aptitude test (CSAT) छात्रों के लिए एक बाधा थी। CSAT अंग्रेजी भाषा में था। इसलिए हिंदी भाषा में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने यूपीएससी के इस कदम को पक्षपातपूर्ण माना। वही यूपीएससी ने इस कदम को छात्रों के लिए एक अवसर बताया है।

 यूपीएससी ने साल 2011 में CSAT की शुरुआत की। डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने छात्रों के लिए आवाज बुलंद की और हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए समानता बनाए रखने के लिए आयोग को कुछ उपाय भी सुझाए।

 यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक इंजीनियर निशांत कुमार ने डॉ विकास दिव्यकीर्ति को बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति बताते हैं, निशांत कहते हैं कि विकास सर ने लगातार अपने छात्रों से संपर्क किया है और हिंदी मीडियम होने के कारण उन्हें जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, वह उनकी बड़ी ताकत है।

 इंजीनियर निशांत कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा, विकास सर ने CSAT के खिलाफ हिंदी माध्यम स्नातक के लिए लड़ाई लड़ी। जब मैं उनकी वीडियो देखता हूं तो मैं बेहद प्रेरित महसूस करता हूं और विभिन्न विषय के बारे में और अधिक जानने की इच्छा रखता हूं।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर कहते हैं कि हिंदी मीडियम से यूपीएससी परीक्षा देने वाले छात्र तब तक चिंतित रहेंगे जब तक कि परिणाम अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के साथ उनकी समानता को प्रतिबिंबित नहीं करते। वे कहते हैं कि संस्कृति और भाषा में सामाजिक और भाषाई विविधता इस देश के भविष्य को आकार देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यूपीएससी को छात्रों की इन चिंताओं का विश्लेषण करना चाहिए और इन छात्रों के लिए एक गेम तैयार करना चाहिए और संगठन में उनकी प्रतिभा पर विचार करना चाहिए।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति के बारे में छात्र क्या कहते हैं

बीटेक के छात्र अभिनव सिंह यूपीएससी के इच्छुक नहीं होने के बावजूद नियमित रूप से डॉ विकास दिव्यकीर्ति की वीडियो देखते हैं। वह कहते हैं, मेरा सुझाव है कि हर किसी को उनकी वीडियो देखनी चाहिए, विकास सर कई महत्वपूर्ण बिंदु बताते हैं, वे प्रश्न के उत्तर लिखने के तरीके के बारे में बात करते हैं और इंटरव्यू के लिए तैयारी भी करते हैं, इसके अलावा वह आगे कहते हैं कि उनके वीडियो न केवल यूपीएससी छात्रों के लिए बल्कि देश के सभी युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर किसी भी मुद्दे पर निष्पक्ष विचार रखने वाले व्यक्ति हैं। वह दृष्टि करंट अफेयर पत्रिका के संपादक भी है।

 विकास दिव्यकीर्ति के बारे में रोचक तथ्य

  •  डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि वे स्कूल के दिनों में पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और वह लगभग हर कक्षा में अंग्रेजी में फेल हो जाते थे हालांकि उसे किसी तरह होती रंग मिल जाते थे।
  •  डॉ विकास दिव्यकीर्ति को खाली समय में किताबें पढ़ना और डायरी लिखना पसंद है।
  •  एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि वह अपने दिन की शुरुआत बॉलीवुड फिल्म “इंदु सरकार 2017” का गाना “चढ़ता सूरज धीरे-धीरे” सुनकर करते हैं।
  •  डॉ विकास दिव्यकीर्ति एक पशु प्रेमी है और उनके पास एक पालतू कुत्ता भी है।
  •  डॉ विकास दिव्यकीर्ति को अक्सर विभिन्न कार्यक्रमों में शराब पीते हुए देखा गया है।
  •  डॉ विकास दिवकीर्ति का मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, सामाजिक मुद्दों, सिनेमा अध्ययन और राजनीतिक विज्ञान में गहरी रुचि है।
  •  डॉ विकास दिव्यकीर्ति के अनुसार, उन्होंने 24 साल की उम्र में पहली बार यूपीएससी उम्मीदवारों को पढ़ाया था। दिलचस्प बात यह है कि उस समय तक उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी ; हालांकि, उनकी पोस्टिंग का इंतजार किया जा रहा था, और उन्होंने पैसे कमाने के लिए पढ़ाने का फैसला किया ताकि वह कर्ज से मुक्त हो सके क्योंकि उस समय वह भारी कर्ज में डूबे हुए थे।
  •  एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि, यद्यपि वह एक संपन्न परिवार से थे, लेकिन जब वह जाकिर हुसैन कॉलेज में अपने प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे, तब उनके परिवार को भारी वित्तीय संकट से गुजरना पड़ा, जिसके बाद उन्हें केलकुलेटर बेचने जैसे कुछ अजीब काम करने पड़े। बाद में उन्होंने अपने बड़े भाई के साथ अपना खुद का प्रिंटिंग प्रेस व्यवसाय किया। यह व्यवसाय शुरू करने से पहले उन्होंने कुछ समय तक एक प्रिंटिंग फर्म में भी काम किया।
  •  यूपीएससी परीक्षा के अपने तीसरे प्रयास की तैयारी के दौरान, उन्होंने 4 महीने तक दिल्ली के डीएवी कॉलेज में पढ़ाया।
  •  डॉ विकास दिव्यकीर्ति एक भावुक यात्री है और उसे लंबी ड्राइव पर जाना पसंद है। उनके मुताबिक उन्होंने दिल्ली से मुंबई, दिल्ली से पटना और दिल्ली से गोवा तक बिना रुके अपनी बाइक चलाई है।
  •  एक इंटरव्यू में डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने खुलासा किया कि वह एक फिल्म निर्माता बनना चाहते थे, और उन्होंने जेएनयू में कला और सौंदर्य शास्त्र में पीएचडी करने की भी कोशिश की। बाद में उन्होंने एफटीआईआई (FTII) पुणे में फिल्म निर्माण का कोर्स किया और 3 दिनों तक मुंबई के एक संस्थान में फिल्म अध्ययन का अध्ययन किया।
  •  डॉ विकास दिव्यकीर्ति 2012 में न्यू वर्क गए थे जहां उनका भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। उन्होंने खुलासा किया कि उनके भाई के साथ यह सौदा हुआ था कि संयुक्त राज्य अमेरिका में बसने के बाद उनका भाई एक बार उन्हें यूएस ओपन फाइनल देखने के लिए आमंत्रित करेगा। संयुक्त राज्य अमेरिका के भ्रमण के दौरान उन्होंने बॉलीवुड फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा से प्रेरित होकर स्काईडाइविंग भी की। डॉ विकास दिव्यकीर्ति के मुताबिक उन्होंने 5/6 बार पैराग्लाइडिंग भी कर चुके हैं।
  •  एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें राजनीति में नितिन गडकरी का अंदाज पसंद है।

 विकास दिव्यकीर्ति विवाद

 नवंबर 2022 में यूपीएससी अभ्यर्थियों को पढ़ाने के दौरान डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने रामायण का हवाला देते हुए यह कहा था कि ” भगवान राम ने सीता के लिए रावण के साथ युद्ध नहीं लड़ा क्योंकि वह उनके लिए योग्य नहीं थी, और राम को वह कुत्ते द्वारा काटे गए की तरह लगी।” डॉ विकास दिव्यकीर्ति का यह टिप्पणी बाद में सोशल मीडिया में आग की तरह फैल गया और सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर उन्हें ट्रोल किया और #BanDrishtiIAS ट्रेंडिंग हैशटैग बन गया।

निष्कर्ष – Conclusion

इस पोस्ट मे आपने पूर्व आईएएस अधिकारी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के अलावा देश के सभी छात्रों के बिच प्रसिद्ध शिक्षक डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर के बारे मे विस्तृत रूप से जाना। वैसे तो आपने डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर के अलावा कई ऐसे आईएएस अधिकारियों की प्रेरणादायक कहानियां पढ़े होंगे, जो सभी आईएएस उम्मीदवारों को अपनी परीक्षाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करती है।

 हम अपने प्रयासों और कड़ी मेहनत से अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। हमने ऐसी कई कहानियां पढ़ी है, जो हमें सिखाती है कि अगर आप अपने काम से खुश नहीं है, तो अपने सपनों पर काम करना शुरू कर देना चाहिए। अगर आप अपने जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं तो आप के पास कड़ी मेहनत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अंत मे, हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

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FAQ:

डॉ विकास दिव्यकीर्ति कौन है?

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति दिल्ली में स्थित Drishti IAS academy के संस्थापक और निदेशक है इसके अलावा वह एक जाने-माने आईएएस परीक्षा प्रशिक्षक है जो अपने छात्रों को यूपीएससी की तैयारी में मदद करते हैं।

 दृष्टि आईएएस का मालिक कौन है?

दृष्टि आईएएस का मालिक डॉ विकास दिव्यकीर्ति है।

 दृष्टि आईएएस से कितने आईएएस चुने गए हैं?

 वर्तमान समय में दृष्टि आईएएस हिंदी माध्यम से 1 हजार से अधिक आईएएस अधिकारी चुने जा चुके हैं।

 डॉ विकास दिव्यकीर्ति कौन सा विषय पढ़ाते हैं?

डॉ विकास दिव्यकीर्ति पढ़ाने के अपने अनोखे तरीके के लिए काफी मशहूर है। इसके अलावा वह सबसे लोकप्रिय आई है इस प्रशिक्षकों में से एक है।

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