निबंध लिखने का तरीका | Nibandh Kise Kahate Hain

निबंध लिखने का तरीका, Nibandh Kise Kahate Hain आज के इस पोस्ट में हम निबंध लेखन के बारे में विस्तार से जानेंगे। निबंध क्या है? निबंध का मुख्य-मुख्य भाग क्या-क्या है? हमारी स्कूली पाठ्यक्रम में निबंध लेखन को क्यों समावेश किया गया है? निबंध कितने प्रकार के होते हैं और उन्हें लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इन सभी सवालों को अच्छी तरह से समझ जाएंगे आपको किसी भी विषय में निबंध लिखने में परेशानी नहीं होगी।

निबंध लेखन प्रारूप – Nibandh Kise Kahate Hain

कई छात्रों को यह समझने में परेशानी होती हैं की निबंध होता क्या हैं? निबंध कैसे लिखें? निबंध की परिभाषा क्या है? निबंध लिखने का सही तरीका? निबंध के प्रकार की गद्य रचना होती है, जिसमें किसी विषय के बारे में विस्तारित रूप से व्याख्या की जाती है।

निबंध कितने प्रकार के होते हैं – Types of Essay

निबंध कई प्रकार के हो सकते हैं: उनमें से कुछ 8 प्रकार के निबंध के बारे में मैंने नीचे उल्लेख किया है। जो आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

  • कथा निबंध – Narrative Essay
  • प्रेरक निबंध – Persausive Essay
  • वर्णनात्मक निबंध – Expository Essay
  • विवरणात्मक निबंध – Descriptive Essay
  • तार्किक निबंध – Argumentative Essay
  • तुलनात्मक निबंध – Comparative Essay
  • समस्या समाधान निबंध – Problem Solving Essay
  • जानकारीपूर्ण निबंध – Informative Essay

निबंध किसी भी विषय, शीर्षक के मुख्य भाव, विचार और नजरिए का एक सुव्यवस्थित रूप होता है। निबंध किसी एक विशेष विषय पर आधारित होता है। निबंध किसी भी चीज या विषय के बारे में, जानकारी, विचार और भावनाओं को व्यक्त करने का एक माध्यम है। निबंध के माध्यम से व्यक्ति अपने विचार, अपनी ज्ञान, अपनी भावनाओं को दूसरे के साथ साझा कर सकते हैं।

निबंध की परिभाषा – Definition of Essay

अपनी ज्ञान, अपनी अनुभव, अपनी विचार और भावनाओं कों संक्षिप्त और नियंत्रित रूप से व्यक्त करना या किसी भी विषय के ऊपर अपनी भावनाओं कों क्रमानुसार लिखना निबंध कहलाता हैं।

निबंध के विषय – Essay Topic In Hindi

सामान्यतया निबंध के विषय हम से परिचित विषय होता है। जिस चीज या विषय के बारे में हम जानते हैं, सुनते हैं या देखते हैं वह हमारी निबंध लिखने का विषय हो सकता है। जैसे की : किसी देश के बारे में, कोई समस्याओं के बारे में, किसी त्योहार के बारे में,मौसम के बारे में आदि।

हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्र में सफल विचार विमर्श और भावनाओं के लिए हमें बेहतर निबंध लेखन की आवश्यकता होती है। निबंध किसी भी विषय या शीर्षक पर लिखा जा सकता है। जैसे की सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक या वैज्ञानिक आदि विषय पर निबंध लिख सकते हैं।

दुनिया का कोई भी विषय और वस्तु या व्यक्ति एक निबंध का शीर्षक हो सकता है। हिंदी भाषा के एक महान साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने निबंध को परिभाषित करते हुए कहा है – “निबंध लेखन में लेखक अपने मन की प्रवृत्ति के अनुसार स्वच्छंद गति से इधर-उधर फूटी हुई सूत्र शाखाओं पर विचरता चलता है।”

इस पंक्ति का अर्थ यह है, कि निबंध लेखन अपने मन की प्रवृत्ति के अनुरूप ही होना चाहिए और निबंध का लेखन स्वच्छंद गति पर आधारित हो अर्थात निबंध ऐसा लिखना चाहिए कि लेखक का चिंतन, लेखक का वैचारिक के स्तर और विषय पर उसकी स्वयं की विचारधारा और भावना स्पष्ट होनी चाहिए ।

यह जरूरी नहीं है कि आपका लिखा हुआ है निबंध सभी को स्वीकार्य हो, बल्कि जरूरी यह है कि आपको अपनी निबंध किसी और ने के प्रभाव में ना पढ़ते हुए निष्पक्षता से लिखें। क्योंकि निष्पक्षता ही किसी भी निबंध की पहला और अंतिम कसौटी है।

  • शीर्षक
  • प्रस्तावना
  • विषय – विस्तार –
  • उपसंहार –

शीर्षक

चाहे आप किसी भी विषय पर निबंध लिखें, उसका शीर्षक आकर्षक होना चाहिए, क्योंकि शीर्षक आकर्षक होने से लोगों में निबंध पढ़ने की उत्सुकता जागृत होता है। हालांकि, इम्तहान में आपको निबंध का शीर्षक पहले से ही दिया जाता है।

प्रस्तावना

प्रस्तावना किसी भी निबंध की नींव होती है। प्रस्तावना को निबंध का भूमिका भी कहा जाता है। यह सरल एवं अत्यंत रोचक और आकर्षक भी होनी चाहिए लेकिन बहुत लंबी नहीं होनी चाहिए। निबंध का भूमिका इस प्रकार लिखना चाहिए कि लिखित विषय वस्तु की झलक प्रस्तुत कर सकें। जिससे पाठक निबंध पढ़ने के लिए उत्सुक हो सकें।

आप अपने निबंध को आकर्षक बनाने के लिए, निबंध लेखन के प्रारंभ में किसी श्लोक, सुक्ति या उदाहरण से कर सकते हैं। निबंध लेखन की प्रारंभ आकर्षक होने से छात्रों को परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने में मदद मिलती हैं क्योंकि प्रारंभ आकर्षक होने से परीक्षक कों आपके लिए बंद पढ़ने में उत्सुकता होता हैं। छात्रों को निबंध लिखते समय यह ध्यान में रखना चाहिए कि निबंध का भूमिका निबंध के विषय से सीधा जुड़ाव होना चाहिए।

विषय-विस्तार

निबंध के इस खंड में 3 से 4 अनुच्छेदों में विषय के विभिन्न पहलुओं पर अपनी विचारधारा व्यक्त करना होता है। इसमें प्रत्येक अनुच्छेद में एक-एक पहलू पर विचार लिखा जाता है। यह खंड निबंध का सर्व प्रमुख खंड होता है। इसलिए इनका संतुलित होना अत्यंत आवश्यक होता है। निबंधकार अपना दृष्टिकोण इस खंड पर व्यक्त करता है।

छात्रों को कोई भी निबंध लिखने से पहले उस निबंध का प्रारूप लिख लेना चाहिए, चाचा बताना है उसका पॉइंट बना लेना चाहिए, इसके बाद ही मुख्य विषय वस्तु लिखना आरम्भ करनी चाहिए।

उपसंहार

यह खंड निबंध के अंत में लिखा जाता है। इस खंड में निबंध में लिखी गई बातों को सार के रूप में एक अनुच्छेद में लिखा जाता है। किस खंड में संदेश भी लिखा जा सकता है। महान व्यक्तित्व का उपदेश, और उनके विचारों को उद्धृत कर या कविता के माध्यम से भी निबंध को समापन किया जा सकता है।

निबंध के प्रकार

विषय के अनुसार : निबंध तीन प्रकार के होते हैं।

  • वर्णनात्मक निबंध
  • विचारात्मक निबंध
  • विवरणात्मक निबंध


वर्णनात्मक निबंध

वर्णनात्मक निबंध पर किसी भी सजीव या निर्जीव वस्तु या पदार्थ का वर्णन किया जाता हैं। यह निबंध व्यक्ति, वस्तु, परिस्थिति, दृश्य या स्थान कों आधार बनाकर लिखे जाते हैं।

यदि निबंध का विषय कोई प्राणी हो, तो विषयों को निम्नलिखित विभागों में बांटना चाहिए।

  • श्रेणी
  • प्राप्तिस्थान
  • आकार-प्रकार
  • स्वभाव
  • विचित्रता
  • उपसंहार

यदि निबंध का विषय कोई इंसान हो, तो विषयों को निम्नलिखित विभागों में बांटना चाहिए।

  • परिचय
  • प्राचीन इतिहास
  • वंश-परंपरा
  • भाषा और धर्म
  • सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन


यदि निबंध का विषय कोई स्थान हो, तो विषयों को निम्नलिखित विभागों में बांटना चाहिए।

  • अवस्थिति
  • नामकरण
  • इतिहास
  • जलवायु
  • शिल्प
  • व्यापार
  • जाति-धर्म
  • दर्शनीय स्थान
  • उपसंहार


यदि निबंधकार विषयों कोई वस्तु हो, तो विषयों को निम्नलिखित विभागों में बांटना चाहिए।

  • उत्पति
  • प्राकृतिक या कृत्रिम
  • प्राप्तिस्थान
  • किस अवस्था में पाई जाति हैं
  • कृत्रिमता का इतिहास
  • उपसंहार


यदि निबंध का विषय पहाड़ हो, तो विषयों को निम्नलिखित विभागों में बांटना चाहिए।

  • परिचय
  • पौधे, जीव, वन आदि
  • गुफाएं, नदियाँ, झील आदि
  • देश, नगर, तीर्थ आदि
  • उपकरण एवं शोभा

उन पहाड़ों में रेहने वाले मानव और उनका जीवन शैली

विचारात्मक निबंध

विचारात्मक निबंध पर किसी विषय का गुण, दोष, धर्म या फलाफल के बारे में लिखा जाता है।

विचारात्मक निबंध में किसी देखी या सुनी हुई बात का वर्णन नहीं किया जाता; इस निबंध में केवल काल्पनिक और चिंतन से लिखा जाता है। विचारात्मक निबंध लिखना, वर्णनात्मक निबंध और विवरणात्मक निबंध दोनों से थोड़ा कठिन होता है। अतः इस निबंध को लिखने में अधिक अभ्यास की आवश्यकता होती है।

विचारात्मक निबंध लिखने के लिए निबंध के विषय को निम्नलिखित विभागों में बांटना चाहिए।

  • अर्थ, परिभाषा, भूमिका और परिचय
  • सार्वजनिक या सामाजिक
  • संचय, तुलना गुण एवं दोष
  • हानि-लाभ
  • दृष्टांत, प्रमाण आदि
  • उपसंहार

विवरणात्मक निबंध

विवरणात्मक निबंध पर ऐतिहासिक, पौराणिक या आकस्मिक घटना के बारे में लिखा जाता है। जैसे की : यात्रा, घटना, मैच, मेला, संस्मरण, ऋतू आदि के बारे में।

विवरणात्मक निबंध लिखने के लिए निबंध के विषयों को निम्नलिखित विभागों में बांटना चाहिए।

यदि निबंध के विषय में इतिहासिक हो, तो

  • घटना का समय एवं स्थान
  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
  • कारण, वर्णन एवं फलाफल
  • इष्ट-अनिष्ट एवं लेखक का समालोचना एवं आपका मंतव्य

यदि निबंध का विषय जीवन चरित्र हो तो

  • परिचय, जन्म, वंश, माता-पिता, बचपन
  • विद्या, कार्यलय, यश, पेशा आदि
  • देश के लिए योगदान
  • गुण दोष
  • मृत्यु, उपसंहार
  • भावी पीढ़ी के लिए उनका आदर्श


यदि निबंध का विषय भ्रमण वृतांत हो तो

  • परिचय, उदेश्य, समय, आरम्भ
  • यात्रा का विवरण
  • हानि-लाभ
  • सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं कला संस्कृति का विवरण
  • समालोचना एवं उपसंहार


यदि निबंध का विषय आकस्मिक घटना हो, तो

  • परिचय
  • तारीख, स्थान एवं कारण
  • विवरण एवं अंत
  • फलाफल
  • समालोचना

स्कूल के पाठ्यक्रम में निबंध लेखन को क्यों समावेश किया गया

स्कूल के पाठ्यक्रम में निबंध लेखन का समावेश करने का उदेश्य निम्नलिखित है।

  • स्कुल के सभी छात्रों उनके विचारों को एक ही विषय पर लक्षित करने के लिए सीख पाएं।
  • छात्रों उनके विचारों को संतुलित तरीके से व्यक्त करने के लिए सीख पाएं।
  • भाषा को सही और उपयुक्त रूप से प्रयोग करना सीख पाए।
  • किसी भी विषय पर छात्रों उनके विचारों को व्यक्त कर पाए।
  • छात्रों का वैचारिक स्तर निश्चित हो सके।
  • सभी छात्रों संवेदनात्मक व वैचारिक स्तर पर परिपक्व हो सके।
  • छात्रों अपने विचारों को सकारात्मक दिशा दे सके।
  • छात्रों अपने विचारों को दृढ़ता से रखना सीख पाए।
  • सभी छात्रों में आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सके।
  • सभी स्कूली छात्रों को विचारशील प्राणी बना सकें।
  • किसी भी विषय में निबंध लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना बेहद ही जरूरी हैं।
  • किसी भी विषय में निबंध लिखने से पहले संबंधित विषय का पर्याप्त ज्ञान होना अनिवार्य है।
  • निबंध लिखते समय विचारों को क्रमबद्ध रूप से लिखा जाए।
  • निबंध की भाषा सरल, रोचक एवं आकर्षक होनी चाहिए।
  • निबंध के वाक्य छोटे छोटे तथा प्रभावशाली होने चाहिए।
  • निबंध को आकर्षक रूप में संक्षिप्त में लिखना चाहिए। अनावश्यक बातें नहीं लिखनी चाहिए।
  • निबंध में व्याकरण के नियमों और विरामादि चिन्हों का उचित प्रयोग होना चाहिए।
  • निबंध के विषय के अनुसार मुहावरों का प्रयोग करना चाहिए। मुहावरों के प्रयोग से निबंध अधिक प्रभावशाली बनता है।
  • निबंध लिखने से पहले उस विषय पर अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करें या इकट्ठा करें।
  • निबंध के प्रारंभ मध्य या अंत में किसी उक्ति अथवा विषयों से संबंधित कविता की पंक्तियों का उल्लेख करें। इससे निबंध प्रभावशाली और आकर्षक बनता है।
  • निबंध लिखते समय शब्द सीमा का ध्यान रखें और व्यर्थ की बातें न लिखें।
  • निबंध से संबंधित विषयों के सभी पहलुओं पर अपने विचार प्रकट करें।
  • यह ध्यान रखें कि निबंध के सभी अनुच्छेद एक दूसरे से जुड़े हो।

निबंध लिखते समय वर्तनी व भाषा की शुद्धता, लेख की स्वच्छता एवं विराम चिन्हों पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है।

निष्कर्ष:

इस पोस्ट में उल्लेखित (निबंध लिखने का आसान तरीका) सभी बातों का ध्यान रखते हैं तो सभी छात्रों प्रभावशाली और आकर्षक निबंध लिख सकेंगे। किसी ने कहा है कि “गहरे पानी में पैठने से ही मोती प्राप्त होता है” अर्थात जितना आप शब्दों के सागर की गहराइयों में गोता लगाओगे आप उतना ही शब्दों का भंडार प्राप्त कर पाओगे। आप यह हमेशा ध्यान रखें, जितना अधिक प्रयास उतना प्रभावशाली लेखन।’

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यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद!

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