दिवाली पर निबंध | Diwali Par Nibandh

दिवाली पर निबंध, Diwali Par Nibandh

दिवाली हिंदू धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा त्योहारों में से एक है। अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक इस त्योहार और इसकी विशेषताओं से छात्रों कों परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। हमने सभी छात्रों के मदद के हेतुः निबंध में दिवाली त्योहार के बारे में जानकारी देने की कोशिश की है। यदि आप भी एक छात्र है तो इसी तरह दिवाली पर निबंध लिखकर अपने लेखन कौशल को बेहतर बना सकते हैं।

Diwali Par Nibandh

प्रस्तावना

दिवाली हिंदू धर्मावलंबियों के सबसे महान और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार को पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। छोटी कक्षा के छात्रों को दिवाली पर निबंध लिखकर उन्हें त्योहार के बारे में अपने रोमांचक अनुभव साझा करने का मौका मिलता है। खासकर युवा आमतौर पर इस त्यौहार को बेहद पसंद करते हैं, क्योंकि यह त्योहार सभी के लिए ढेर सारी खुशियां और आनंदमय क्षण लेकर आता है।

दिवाली पर लोग अपने परिवार दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि इस साल 2022 की दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 24 अक्टूबर 2022 कों शाम 6:54:52 से शुरू होकर 8:16:07 बजे समाप्त हो जाएगा। इस दिन सभी लोग विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

छात्रों को मध्य नजर करते हुए, यह निबंध (दिवाली पर निबंध) लिखा गया है। सभी छात्र दिवाली के त्योहार के बारे में अपने अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर निबंध लिख सकते हैं। निबंध लेखन सीखने के लिए (निबंध कैसे लिखें) पोस्ट जरूर पढ़े।

दिवाली पर निबंध – Diwali Par Nibandh

Diwali Par Nibandh

दिवाली को ‘दीपावली’ के नाम से भी जाना जाता है। दीपावली शब्द दो संस्कृत शब्दों के मेल से बना है। पहला शब्द है दीप यानि दीपक और दूसरा शब्द है आवली यानि श्रृंखला। जिसका मतलब होता है दीपों का श्रृंखला। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है।

यह त्योहार भारत लगायात नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार जैसे देशों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा दिवाली दुनिया के हर देशों में मनाए जाते हैं जहां पर हिंदू धर्मावलंबी बसते हैं। हालांकि दिवाली एक हिंदू त्योहार है लेकिन इसे और अन्य धर्मावलंबियों द्वारा भी पटाखे और आतिशबाजी के साथ मनाया जाता है।

दिवाली त्योहार की तैयारी

लोग दिवाली आने से कई दिन पहले ही इसकी तैयारी में लग जाते हैं। दिवाली त्योहार के लिए लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई पुताई करने में जुट जाते हैं। क्योंकि हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा यह माना जाता है कि साफ-सुथरे घरों में दिवाली के दिन मां लक्ष्मी विराजमान होती है और सुख समृद्धि में बढ़ोतरी का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। दिवाली त्योहार के लिए लोग अपने घरों कों तरह-तरह के लाइट से सजाते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व

Diwali Par Nibandh

दिवाली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में मिट्टी से बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न प्रकार के रंग बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। दिवाली बच्चों के लिए बेहद खास त्यौहार है, क्योंकि बच्चे इस त्यौहार में पटाखे, फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चकरी आदि आतिशबाजीयों से बेहद रोमांचक होते हैं।

दिवाली का इतिहास

हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम ने 14 वर्षों के बनवास के बाद पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके अनन्य भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। जिस दिन भगवान श्री राम वनवास के बाद लौटे उस दिन अमावस्या की रात होने के कारण पूरे अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया, पाखी भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी ना हो। उसी दिन से दिवाली को दीपों के त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली त्योहार के पावन अवसर पर बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। इस अवसर पर लोग भगवान श्री गणेश, माता लक्ष्मी, भगवान श्री राम आदि के मूर्तियों की खरीदारी करते है। इसके अलावा लोग इस पावन अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाईया आदि भी खरीदते हैं।

दिवाली के दिन हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, और इसी अवसर पर व्यापारी अपनी नहीं खाता बही की शुरुआत करते हैं। लोगों को मानना है कि दिवाली धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग इस त्यौहार के दौरान अपने परिवार, दोस्त और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करके खुशियां बांटते हैं।

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दिवाली से जुड़े कुछ सामाजिक कुरीतियां

Diwali Par Nibandh

दिवाली हिंदू धर्मावलंबियों के महान त्योहारों में से एक हैं। इस महान त्योहार के दौरान भी कुछ असामाजिक तत्व शराब सेवन करते हैं, जुआ खेलते है, कई तरह के टोना-टोटका भी करते हैं और खासकर आतिशबाजी के उद्देश्य से बनाए गए पटाखों का गलत इस्तेमाल करते हैं। दिवाली जैसे महान त्योहारों के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए हमें इस तरह के असामाजिक क्रियाकलापों को दूर करना होगा।

उपसंहार

दीपावली दीपों का त्योहार है। यह अंधकार को मिटाकर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्यौहार है। दिवाली के अवसर पर बच्चे फुलझड़ियां और पटाखों के आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। लोगों को यह समझना होगा कि दिवाली अर्थात ‘दीपावली’ दीप, प्रेम और सुख समृद्धि से जुड़ा हुआ है।

दिवाली का त्यौहार हमें अंधेरे से उजाले की तरफ हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देती है। दिवाली का त्योहार सांस्कृतिक एवं सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है, लोगों को एक दूसरे से जोड़ते हैं और सामाजिक एकता को बनाए रखते हैं। हिंदी भाषा के साहित्यकार गोपालदास नीरज जी ने कहा है ” जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।” इसलिए दिवाली त्योहार के पावन अवसर पर सभी लोगों प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने का प्रयत्न करना चाहिए।

दिवाली पर निबंध है (300 शब्दों में)

दिवाली भारत का सबसे बड़ा त्योहारों में से एक है। यह त्योहार हर साल भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली खुशियों का त्योहार है यह 5 दिन तक अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। दशहरा त्योहार का समापन होते ही पूरे देश दिवाली की तैयारी में लग जाते हैं। दिवाली के त्यौहार को अमावस्या की रात में मनाया जाता है, जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके अनन्य भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। किस खुशी में पूरे अयोध्यावासी द्वारा घी के दीए जलाए गए थे। उसी दिन से दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्मावलंबी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

दीपावली दीपों का त्योहार होने के कारण सभी लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं जिससे घर में अलग ही रौनक छा जाता है। दीपावली के दिन रात्रि में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा और प्रार्थना की जाती है ताकि वें हमारे ऊपर उनके कृपा बनि रहे। लोग दिवाली में विभिन्न प्रकार के मिठाई और स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं। फुलझड़ीयां, पटाखे, और रॉकेट के आतिशबाजी से बच्चे से लेकर बूढ़े सभी आनंदित होते हैं।

 व्यापारी बाजारों में अपने दुकानों को रंग बिरंगी फूलों और सजावटओ से सजाते हैं। यह त्योहार अमीर गरीब सभी अपने भेदभाव को भुलाकर मिलजुल कर मनाते हैं। दिवाली की शुभकामनाएं एक दूसरे को गले लगाकर दी जाती है। विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों और मिठाइयों से अतिथियों का सत्कार किया जाता है। दिवाली उपहार और भेंट और खुशियों का त्योहार है। लोग एक-दूसरे को उपहार देकर खुशियां बांटते हैं।

भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीकों से दिवाली मनाए जाते हैं

बंगाल और उड़ीसा: इन दो राज्यों में दिवाली इस मान्यता के अनुसार मनाया जाता है, कि इसी दिन माता शक्ति के रूप में महाकाली का रूप धारण किया था। और इसी दिन माता लक्ष्मी के स्थान पर मां काली की पूजा की जाती है।

पंजाब: पंजाब में दिवाली इस मान्यता के अनुरूप मनाया जाता है, कि इसी दिन 1577 ईस्वी पूर्व स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी और सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह जी को इसी दिन जेल से रिहा किया गया था।

तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश: इन दो राज्यों में दिवाली को इस मान्यता के अनुसार मनाया जाता है, कि द्वापर युग में भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध किया गया था। इस खुशी में लोग भगवान कृष्ण की पूजा करके दिवाली का त्यौहार मनाते हैं।

विदेशों में दिवाली किस प्रकार मनाया जाता है?

नेपाल: नेपाल दुनिया के सबसे खूबसूरत देशों में से एक है। नेपाल में 81.3 % हिंदू धर्मावलंबी हैं। हिंदू बहुल राज्य होने के कारण नेपाल में दिवाली बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। नेपाल में दिवाली को दीपावली और खासकर तिहार पर्व कहा जाता है।

श्रीलंका: दिवाली त्योहार के दौरान श्रीलंका के लोग प्रात काल सुबह उठकर सबसे पहले तेल से स्नान करते हैं, उसके बाद मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं। यहां के लोग दिवाली मनाने के लिए विभिन्न प्रकार के खेल, आतिशबाजियां, गायन और नृत्य जैसे आयोजन करते हैं।

मलेशिया: मलेशिया की कुल आबादी में 6.3% आबादी हिंदू आबादी है। इसीलिए दिवाली के त्यौहार के दिन मलेशियन सरकारी अवकाश देते हैं। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने घरों में पार्टी करते हैं। इस पार्टी में अन्य धर्मावलंबियों भी शामिल होते हैं।

दिवाली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव

दिवाली का त्यौहार 5 दिनों तक मनाया जाता है। दिवाली का पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग बहुमूल्य धातुओं की वस्तुओं जैसे, सोने और चांदी के आभूषण खरीद करते हैं।

दिवाली के दूसरा दिन नरक चतुर्थी होता है। कई लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।

दिवाली के तीसरा दिन इस त्यौहार का मुख्य दिन होता है। इसी दिन माता लक्ष्मी और श्री गणेश की पूजा की जाती है।

दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था।

दिवाली के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन

  • दिवाली को दीपों का त्यौहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।
  • दिवाली भारत का सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा त्यौहारों में से एक है।
  • दिवाली त्योहार भगवान श्री राम की याद में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और अनन्य भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे।
  • सभी हिंदू धर्मावलंबी दीपावली के दिन अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं मिट्टी से बने दीपक जलाते हैं।
  • दिवाली त्योहार के पावन अवसर पर बच्चे बेहद रोमांचक और आनंदित होते हैं। बच्चे इस दिन पटाखे और फुलझड़िया के आतिशबाजी से बहुत खुश होते हैं।
  • हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा दिवाली के अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • बच्चे, बूढ़े और जवान सभी लोग दिवाली के इस अवसर पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
  • दिवाली के अवसर पर हिंदू अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाईयां और उपहार देते हैं।
  • हिंदू धर्मावलंबियों के महान त्योहार दिवाली के अवसर पर पूरे भारत में सार्वजनिक छुट्टियां दी जाती है।
  • हिंदू धर्मावलंबियों के सबसे प्रिय और आंनददायक त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार हिंदू धर्मावलंबी के साथ-साथ अन्य धर्मावलंबियों द्वारा भी मिलकर मनाया जाता है।

निष्कर्ष:

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यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद!

FAQ:

दिवाली का त्यौहार क्यों और कैसे मनाई जाती है?

भगवान श्री राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के पावन अवसर पर अयोध्या निवासियों ने दीपों से पूरे नगरी को रोशनीमय बना दिया। तब से दिवाली त्योहार को अंधकार और रोशनी का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और अपने घरों को दीपों से सजा कर माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा धूमधाम से करते हैं।

दिवाली त्योहार में क्या है खास?

दिवाली त्योहार के दौरान लोग अपने घरों को रंगोली और मिटी से बने तेल के दीयों से सजाते हैं, जिसे दीपक कहा जा ता हैं। इस अवसर पर लोग अच्छे पकवान बनाते हैं और एक दूसरे कों उपहार प्रदान करके बधाइयां देते हैं। बच्चे इस त्यौहार में पटाखे और फुलझड़ियां की आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।

दिवाली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

दिवाली के त्योहार के दौरान लोग अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। मिट्टी से बने दीपों और तरह-तरह के लाइटों से घरों को सजाते हैं। माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते हैं। अच्छे-अच्छे पकवान बनाते हैं और हर्षोल्लास के साथ दिवाली त्योहार मनाते हैं।

वर्ष 2023 में दिवाली कब है?

वर्ष 2023 में दिवाली 12 नोवेम्बर कों हैं।

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